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पुराणों के सन्दिग्ध विषयों पर प्रश्नोत्तर
प्रश्नकर्ता सागर - कृपया इस श्लोक का सही अर्थ बतायें गुरुजी !
अस्वादितं न चान्येन भक्ष्यार्थे च ददाम्यहम्।
अधोभागे च मे नाभेर्वर्तुलौ फलसन्निभौ॥
(पद्मपुराण, १/३१/१२६)
यहां शिवजी के...





























